Thursday, 17 November 2011

साथ तेरा मिला


साथ   तेरा    मिला   ए   मेरे   हमसफ़र |
हौसला   मिल   गया  ए  मेरे  हमसफ़र ||

आज  लोगों  से  उनकी  खुशी छिन गयी |
तू  जो  मेरा  हुआ    ए   मेरे    हमसफ़र ||

बेख़ुदी     में    क़दम    लडखडाने   लगे |
हाथ   अपना   बढ़ा   ए  मेरे   हमसफ़र || 

अब  तो  हर  नाख़ुदा से  यकीं  उठ गया |
तू  ही  बन  नाख़ुदा  ए   मेरे   हमसफ़र || 

मेरी  साँसों  का  तू सिलसिला बन गया |
तू  न  होना  जुदा    ए   मेरे   हमसफ़र || 

डा०  सुरेन्द्र  सैनी   

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